[2] أخرجه في الطلاق 47، 46 والطب 18 (الطلاق 43، وت الطلاق 18، ن الطلاق 55، 63 67، جه الطلاق 34، ط الطلاق 101، حم 292/6، 311/6) .
[3] انظر مسند الإمام أحمد 210/5، 200/5.
[4] مسلم الذكر حديث رقم 99، ومسند الإمام أحمد 22/3.
[5] النور آية رقم 31.
[6] الأحزاب آية رقم 55.
[7] تفسير سورة النور للأستاذ المودودي ص 156-157.
[8] سنن أبي داود مع العون 106/4.
[9] السنن الكبرى 182-183/2 و 86/7.
[10] تفسير ابن كثير 283/1.
[11] جامع التحصيل 363/1.
[12] الأحكام الكبرى 145/1.
[13] تهذيب التهذيب 87/3.
[14] ميزان الاعتدال 128/1.
[15] تفسير ابن جرير الطبري 119/18
[16] التقريب 335/1
[17] ميزان الاعتدال 226/2
[18] ميزان الاعتدال 464/1
[19] تهذيب التهذيب 405/6
[20] جامع التحصيل 538/2
[21] تفسير ابن جرير الطبري 119/18
[22] السنن الكبرى 182-183/2و86/7.
[23] تهذيب الكمال 663/7.
[24] ميزان الاعتدال 106/4.
[25] السنن الكبرى 225/2، 852/7.
[26] ميزان الاعتدال 112-113/1.
[27] التقريب 19/1.
[28] الميزان 503/2.
[29] التقريب 450/1.
[30] تفسير ابن جرير 119/18.
[31] تفسير ابن كثير 283/2.
[32] تفسير الدر المنثور 42/5.
[33] فتح الباري 70/4، 530/8.
[34] تفسير ابن جرير الطبري 33/22 المطبعة الأميرية ببولاق سنة 1329هـ.
[35] تذكرة الحفاظ 50/1.
[36] المحلى ص 217/3.
[37] الفتح 337/9.
[38] تحفة الأحوذي 15/4 ز
[39] السنن الكبرى للبيهقي 91-92/7.
[40] تفسير ابن كثير 283/3.
[41] موارد الظمآن 1458، 968.
[42] تأويل مختلف الحديث ص 225.
[43] مسند الإمام أحمد 414/6.