[2] الكافية في النحو: د طارق نجم ص 35.
[3] البرهان للزركشي 2/ 364، 4/119، 211، 251، 259، 296، 443.
[4] البرهان للرزكشي 2/ 364 (الحاشية) .
[5] البرهان للزركشي 4/ 119، 211 (الحاشية) .
[6] همع الهوامع للسيوطي- الجزء الخاص بالفهارس 7/343.
[7] همع الهوامع 1/82 (الحاشية) .
[8] خزانة الأدب للبغدادي، تحقيق هارون 2/ 22، 9/ 416، 10/ 198.
[9] خزانة الأدب 9/ 416، 10/198 الحاشية.
[10] شرح أبيات مغني اللبيب ا/394.
[11] شرح أبيات مغني اللبيب 8/432.
[12] تخليص الشواهد ص 75.
[13] الأشباه والنظائر- الفهارس 9/ 183.
[14] الأشباه والنظائر بتحقيق د عبد العال سالم 4/7.
[15] إنباء الرواة 2/ 223.
[16] رتشاف الضرب3/ 686.
[17] سورة الجاثية: آية 21.
[18] البحر المحيط 8/47.
[19] طبقات النحاة واللغويين لابن قاضي شهبة298.
[20] الأشباه والنظائر 4/ 7.
[21] بغية الوعاة 2/ 370.
[22] معجم البلدان 1/195.
[23] التاريخ الأندلسي. د. عبد الرحمنِ الحجي 482.
[24] إنباه الرواة 2/ 334 الحاشية نقلاَ عن كتاب تلخيص أخبار النحويين واللغويين لابن مكتوم/ مخطوط.
[25] عنوان الدراية 318.
[26] اختصار القدح المعلّى 154.
[27] ارتشاف الضرب 2/ 239.
[28] ارتشاف الضرب 3/ 671.
[29] عنوان الدراية 318.
[30] إنباء الرواة 2/ 334 الحاشية.
[31] الأشباه والنظائر 4/ 7.
[32] بغية الوعاة 2/37.
[33] ارتشاف الضرب 2/13، 14، 661.
[34] البحر المحيط 8/47.
[35] بغية الوعاة 2/ 370.
[36] ارتشاف الضرب 2/ 14، 565.
[37] ارتشاف الضرب 2/ 14.
[38] البحر المحيط 6/ 301.